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शिक्षकों को मुख्यालय नहीं बुलाकर गृह जिले में कोविड-19 में ड्यूटी पर लगाया जाए- गोयल

गंगापुर सिटी। राजस्थान राजपत्रित अधिकारी संघ (विद्यालय शिक्षा) द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से प्रदेश अध्यक्ष हारून अहमद ने ग्रीष्मावकाश के संबंध में मांग की है।
संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री हनुमान प्रसाद गोयल ने बताया कि शिक्षकों का ग्रीष्मावकाश 17 मई से शुरू होने जा रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें मुख्यालय नहीं बुलाकर अपने गृह जिले में कोविड-19 में ड्यूटी पर लगाया जाए अन्यथा उनके आने पर उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन होना पड़ेगा, जिससे कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए मुख्यालय पर उपस्थित शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई जाए और उन्हें उपार्जित अवकाश का लाभ दिया जाए। साथ ही पी ई ई ओ जिस जिले के हैं उन्हें उसी जिले में स्थानीय क्षेत्रों में लगाया जाए तथा बाहरी जिलों के पी ई ई ओ को ग्रीष्मावकाश में अपने गृह जिले में जाने की आज्ञा दी जावे व उनके स्थान पर वरिष्ठ शिक्षक को उनका कार्यभार दिया जाए, जिन्हें कार्य करने की एवज में नियमानुसार उपार्जित अवकाश का लाभ दिया जाए।
कोविड-19 के निर्देशों की पालना करते हुए 50 से अधिक आयु के शिक्षकों, गंभीर रोगों से पीडि़त शिक्षकों, एकल महिला, विधवा एवं परित्यक्ता तथा उनके बच्चे 1 वर्ष से अधिक हैं उन महिला शिक्षकों को भी इस कार्य से मुक्त रखा जाए और उन्हें ग्रीष्मावकाश का उपभोग करने की आज्ञा प्रदान की जाए।
मुख्यालय पर रहकर जो शिक्षक कोविड-19 में ड्यूटी करना चाहते हैं उन्हें उपार्जित अवकाश का लाभ देते हुए ड्यूटी पर लगाया जाए और उन्हें भी उपार्जित अवकाश का लाभ दिया जाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि लॉकडाउन पीरियड में सभी शिक्षक सरकार के निर्देशानुसार अपनी-अपनी ड्यूटी करते आ रहे हैं। अथवा अपने गृह जिले में रहकर होम क्वारेंटाइन रहकर बीमारी को रोकने से बचाने में योगदान करते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें ड्यूटी पर ही मानते हुए ही समस्त लाभ दिया जाए।

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