सभी शिक्षक एवं अधिकारियों के नाम एक खुला पत्र
जयपुर। 3 जून 2020. राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) ने करौली जिला कलेक्टर मोहन लाल यादव के खिलाफ आर-पार संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। संगठन के प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा ने जिला करौली के सभी शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी के नाम एक खुला पत्र जारी किया हैं.
इस पत्र के माध्यम से शर्मा ने जिला कलेक्टर मोहन लाल यादव पर आरोप लगाया है कि राजस्थान के इतिहास में ये पहले प्रशासनिक अधिकारी है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में करौली जिले में सेवारत सहायक कर्मचारी, शिक्षाकर्मी, प्रबोधक एवं शिक्षक से लेकर उच्च अधिकारियों तक के खिलाफ, जिनकी संख्या सैंकडों है, अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। उन्होनें बताया कि कार्यवाही के तहत् उनको चार्जशीट देना, उनकी वेतन वृद्धि रोकना, निर्णय को लाल स्याही से सेवा पुस्तिका में इन्द्राज करवाना आदि दण्ड से दण्डित किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि कई शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन है, सैंकडों शिक्षकों की सेवा में व्यवधान डालने का प्रयास किया गया, इस प्रकार का कार्य स्वस्थ मानसिकता वाला अधिकारी कभी नहीं कर सकता।
पीडित शिक्षकों की सूची राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भेजी जावेगी
शर्मा ने एक मोबाईल नं. जारी करते हुए कहा कि जिला कलेक्टर करौली की कार्यवाही से पीडित शिक्षक अपनी सूचना पूरे विवरण के साथ वाट्सअप पर उपलब्ध करावें। इस सूचना को संकलित कर पीडित शिक्षकों की सूची राज्यपाल महोदय, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और मुख्य सचिव एवं अन्य उच्च अधिकारियों को भिजवाई जावेगी, और समय पर यदि संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन के साथ-साथ माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका संगठन द्वारा दायर की जावेगी।
साथ ही शर्मा ने सभी जिलो के संगठन पदाधिकारियों का आव्हान किया कि आंदोलन की तैयारी में अभी से जुट जावे तथा प्रान्तीय संघर्ष समिति द्वारा जब भी आंदोलन के चरणों की घोषणा की जावे, उसे तन-मन-धन से सफल बनाया जावे।
आपको बता दे पिछले दिनों संगठन ने कलेक्टर के मानसिक संतुलन पर सवाल उठाए और ईलाज कराने की आवश्यकता जताई, मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में संगठन ने करौली के जिला कलेक्टर पर नियम विरुद्ध आदेश जारी कर शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताडित करने का आरोप लगाया था. जिसके सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.