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रेल कर्मचारियों ने पूरे देश में मांग दिवस मनाते हुए प्रदर्शन किया

railway employees performed across the country celebrating demand day

केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन, भड़की यूनियन, पमरे सहित पूरे देश में मांग दिवस मना
कोटा 08 जून। कोरोना के संक्रमण काल के दौरान जब समाज का हर तबका प्रभावित रहा, उस संवेदनशील समय में भारत सरकार ने असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए रेलवे सहित तमाम कर्मचारियों का डीए व रिटायर कर्मचारियों का महंगाई राहत भत्ता फ्रीज करने का फरमान सुना दिया, यही नहीं, इस समय का लाभ केंद्र सरकार ने अपनी मजदूर नीति को लागू करने में भी उपयोग किया, जिसके खिलाफ आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आव्हान पर पूरे देश में रेल कर्मचारियों ने मांग दिवस मनाते हुए प्रदर्शन किया.

वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) द्वारा भी पमरे के तीनों रेल मंडलों कोटा, जबलपुर व भोपाल के हर स्टेशन, डिपो, कार्यालय में आज सोमवार 8 जून को मांग दिवस मनाया और केेंद्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया.

उल्लेखनीय है कि मांग दिवस के पूर्व 1 से 6 जून 2020 तक डबलूसीआरईयू द्वारा पूरे जोन में रेल कर्मचारी जागरुकता सप्ताह का आयोजन किया, जिसमें यूनियन के कार्यकर्ता, पदाधिकारी एक-एक कर्मचारी के पास पहुंचकर उन्हें केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के प्रति जागरुक किया और संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर भी कराये. इस जागरुकता सप्ताह में पमरे के 40 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने डबलूसीआरईयू का समर्थन करते हुए संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किये

कोरोना वारियर्स रेलकर्मचारियों से किया सरकार ने धोखाः मुकेश गालव
मांग दिवस पर आज 8 जून को कोटा, जबलपुर व भोपाल मंडलों में के हर स्टेशनों, कार्यालयों, डिपो में कर्मचारियों ने डबलूसीआरईयू के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया. इस मौके पर डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जब सब कुछ लॉकडाउन था, इस विषम परिस्थितियों में भी रेल कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वारियर्स की भूमिका पूरी शिद्दत, ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाते हुए पूरे देश में सप्लाई चेन को निर्बाध बनाने में अहम भूमिका निभाई, किंतु केंद्र सरकार ने रेल कर्मचारियों की इस भूमिका पर पारितोषिक देने की बजाय उनके साथ धोखा किया और डीए जुलाई 2021 तक फ्रीज कर दिया, जिसे एआईआरएफ व डबलूसीआरईयू किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं करेगी.

धड़ाधड़ लिये गये मजदूर विरोधी निर्णय
गालव ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोणा वायरस महामारी के दौरान कई मजदूर विरोधी निर्णय लिए हैं. जिसमें श्रम कानूनों को और ज्यादा लचीला बनाया जा रहा है, जबकि उद्योगपतियों के पक्ष में नए कानूनी ईजाद किए जा रहे हैं. सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की तैयारी की जा रही है. श्री गालव ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वह रेल कर्मचारियों के अधिकारों पर कुठारघात किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और आने वाले समय में और बड़ा निर्णय लिया जा सकता है, जिसकी जवाबदारी केंद्र सरकार की होगी.

तीनों मंडलों में मांगों की तख्तियां लेकर जोरदार प्रदर्शन
यूनियन द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के तुगलकाबाद, भरतपुर, बयाना, गंगापुरसिटी, सवाईमाधोपुर, बांरा, बूंदी, रामगंजमंडी, भवानीमंडी, विक्रमगढ़ आलोट, शामगढ तथा कोटा प्रॉपर, जबलपुर मंडल के कटनी, सागर, दमोह, पिपरिया, भोपाल मंडल के बीना, गुना, सागर, इत्यादि स्टेशनों पर अपनी जायज मांगों की तख्तियां लेकर घोर विरोध किया गया.

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