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अपनी मांगों के समर्थन में एकीकृत महासंघ द्वारा 20 फरवरी को जयपुर में मशाल जुलूस का आयोजन

करौली 17 फरवरी 2023, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 20 फरवरी 2023 को जयपुर में राज्य सरकार ने कर्मचारियों की मांगे नहीं माने जाने के विरोध में मशाल जुलूस निकालकर सरकार को चेताया जाएगा। मशाल जुलूस शाम को 4:00 बजे स्टेचू सर्किल से रवाना होकर सिविल लाइन फाटक की ओर कूच करेगा. सरकार द्वारा बजट में कर्मचारियों की उपेक्षा की गई है जिसमें प्रमुख मांगों पर निर्णय नहीं लिये जाने पर कर्मचारियों में असंतोष है।


महासंघ के जिला अध्यक्ष अमर सिंह मीणा ने बताया की खेमराज कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं कर दिल्ली के समान वेतन भत्ते, विभिन्न केडर की वेतन विसंगतियां, अप्रशिक्षित संविदा अध्यापकों को 1985, 86 व 87 में विकास अधिकारी द्वारा पंचायत समितियों के अधीन विद्यालयों में ₹400 मासिक वेतन पर नियुक्तियां दी गई थी लेकिन जैसे ही प्रशिक्षित अध्यापक आए और उन्हें हटा दिए थे बाद में कोर्ट के आदेशानुसार सन 2003 में उन्हें पुनः अध्यापक के पद पर जिला परिषद के द्वारा स्थाई नियुक्तियां दी गई जो आज भी सेवारत है। इनकी प्रथम नियुक्ति 1985, 86 व 87 जो भी हो मानते हुए काल्पनिक वेतन परिलाभ मिलना चाहिए ताकि रिटायर्ड पर रिकवरी नहीं निकले और जो रिटायर हो गए हैं व रिकवरी निकली है तो रिकवरी को माफ कर देना चाहिए और पूरी पेंशन देनी चाहिए। साथ ही नियमित कर्मचारियों की एसीपी तीन की बजाय चार होनी चाहिए जिसमें 7,14, 21, 28 हो।


अन्य मांग :

  • पूर्ण पेंशन के लिए 28 वर्ष की सेवा के बजाय 20 वर्ष की सेवा ही होनी चाहिए।
  • मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय के समान वेतन भत्ते पदनाम मिलना चाहिए।
  • सन 2009 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पातेय वेतन पर लगाए प्रधानाध्यापकों को सेकंड ग्रेड में कन्फर्म करना चाहिए।
  • B.Ed.योग्यता धारी प्रबोधको को वरिष्ठ प्रबोधक मानते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त करना।
  • वन विभाग के कर्मचारियों को जो फील्ड में रहते हैं पुलिस कर्मियों के समान वेतन भत्ते व अन्य सुविधा देना।
  • राज्य पुलिसकर्मियों को अन्य राज्य कर्मियों के सम्मान वरिष्ठता आधार पर पदोन्नतियां की जाए।
  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कई वर्षों से लंबित स्थानांतरण आवश्यक शिथिलता प्रदान करते हुए इच्छित स्थान पर शीघ्र किए जाए।
  • शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य समस्त विभागों के कार्मिकों को गैर विभागीय कार्यों से मुक्त किया जावे।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को मूल वेतन का 20% ग्रामीण भत्ता अतिरिक्त दिया जाए।

बजट में उक्त मांगे पूरी नहीं करने के विरोध में करौली जिले के विभिन्न संगठनों के तहसीलो से तहसील संयोजक और अध्यक्षों तथा जिला अध्यक्षो के नेतृत्व में उक्त मशाल जुलूस में अधिक से अधिक संख्या में कूच करेंगे। महासंघ के जिला अध्यक्ष अमर सिंह मीणा ने बयान जारी कर कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में मशाल जुलूस में पहुंचने की अपील की है.

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