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झालावाड़ में फैला बर्ड फ्लू Avian Influenza in India

झालावाड। जिला कलेक्टर ने ( Avian Influenza in India ) कौवों में एवियन इन्फलूएन्जा रोग की पुष्टि होने पर आज आदेश जारी कर नगर परिषद शहरी क्षेत्र ”राडी के बालाजी मंदिर परिसर के एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र” को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर दिया।

गत दिनों राडी के बालाजी मंदिर परिसर में कौओं की असामान्य मृत्यु के होने पर बीमार कौंओ का उपचार करते हुए रोग की जांच हेतु सेम्पल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल को भिजवाने पर कौओं में एवियन इन्फलूएन्जा रोग की पुष्टि हुई है।

Avian Influenza in India

जिसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा क्षेत्र में संक्रमण फैलने की संभावना के मद्देनजर नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं लोक परिशांति बनाये रखने के लिये क्षेत्र में जीरो मोबिलिटी घोषित की गयी। इस दौरान लाॅकिंग एरिया में जनसाधारण का सख्ती से आगमन-निर्गमन निषेध रहेगा।

Avian Influenza in India

Avian Influenza in India

आपको बता दे कि एवियन इन्फलूएन्जा एक प्रकार का घातक संक्रामक रोग है जो पक्षियों में होता है और संक्रमण के माध्यम से मनुश्यो में भी फैल सकता है

एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे अनौपचारिक रूप से एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है, पक्षियों के लिए अनुकूल विषाणुओं द्वारा उत्पन्न इन्फ्लूएंजा की एक किस्म है।

पहली बार 1996 में चीन में

इन्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपको बता दे इस वायरस का पता पहली बार 1996 में चीन में लगा था।

Avian influenza, known informally as avian flu or bird flu, is a variety of influenza caused by viruses adapted to birds.

Avian Influenza in Birds

पहली बार 1997 में हांगकांग में एक मुर्गी के प्रकोप के दौरान मनुष्यों में पाया गया था और तब से अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व में 50 से अधिक देशों में मुर्गी और जंगली पक्षियों मे इस रोग का पता चला है।

Avian influenza Precaution
As a general precaution, people should avoid wild birds and observe them only from a distance; avoid contact with domestic birds (poultry) that appear ill or have died; and avoid contact with surfaces that appear to be contaminated with feces from wild or domestic birds.

एवियन इन्फलूएन्जा से बचाव
एक सामान्य सावधानी के रूप में, लोगों को जंगली पक्षियों से बचना चाहिए और उन्हें केवल दूर से ही निरीक्षण करना चाहिए

घरेलू पक्षियों (पोल्ट्री) के संपर्क से बचें जो बीमार दिखाई देते हैं या मर गए हैं; और उन सतहों के संपर्क से बचें जो जंगली या घरेलू पक्षियों के मल से दूषित होती हैं।

अन्य : समग्र शिक्षक संघ का गठन

इस रोग के बारे में विकिपीडिया पर पढ़ें

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